पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल इन्दौर का इतिहास
- स्वतंत्रता के पूर्व सन् 1946 में पुलिस विभाग में वायरलेस शाखा की पृथक से प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रारंभ की गई। इस शाखा द्वारा वायरलेस ऑपरेटरों को मोर्स कोड का प्रशिक्षण देने के लिये प्रदेश में 6वीं बटालियन, जबलपुर (खमरिया) में प्रथम पुलिस रेडियो ट्रेनिंग सेंटर प्रारंभ किया गया, बाद में दिनांक 24.09.1959 में तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (म.प्र.) श्री के.एफ.रुस्तमजी द्वारा इसे इन्दौर में स्थानांतरित करने के उपरांत पुलिस रेडियो ट्रेनिंग स्कूल, इन्दौर में संचालित किया जा रहा है। वर्ष 1959 के प्रथम कोर्स में कुल - 46 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया गया। तत्समय उप निरीक्षक (रेडियों) श्री एन.के. सबनिस ट्रेनिंग हेड थे तथा संस्था प्रथम वाहिनी बि.स. बल इन्दौर के अधिनस्त थी।
- संस्था के संस्थापक अधिकारी तत्कालीन पुलिस महानिदेशक मध्य प्रदेश पुलिस श्री के.एफ.रुस्तमजी द्वारा इस संस्थान का अपने कार्यकाल में ग्यारह बार निरीक्षण/भ्रमण किया गया जो कि संस्था के लिए गौरवशाली उपलब्धि है।
- वर्ष-1963 मे श्री जी.के. मेहता उप पुलिस अधीक्षक (रेडियो) के पद पर पदस्थ हुए। वर्ष-1963 में ही पुलिस अधिकारीयों एवं कर्मचारीयों के कल्याण हेतु रेडियो बॉयज कम्पनी भी पी.आर.टी.एस. इन्दौर के अधीनस्थ प्रारम्भ की गई।
- वर्ष-1989 में रेडियो बॉयज कम्पनी को बंद कर पुलिस मुख्यालय की कल्याणकारी योजना के अर्न्तगत पुलिस आई.टी.आई. पुलिस परिवार के बच्चों के लिए प्रारम्भ की गई ।
- संस्था के प्रथम निदेशक(दूरसंचार) श्री बालचन्द्र सिपाहा दिनॉक 17/06/1985 में ज्वाईन हुए।
- संस्थान द्वारा मध्य प्रदेश पुलिस दूरसंचार संगठन के आरक्षक (रेडियो) से निरीक्षक (रेडियो) एवं उप पुलिस अधीक्षक (रेडियो) स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इकाई में सीधी भर्ती के आरक्षक (रेडियो) एवं उप निरीक्षक (रेडियो) हेतु बुनियादी प्रशिक्षण के साथ-साथ ग्रेडेशन, रिफ्रेशर कोर्स, प्री-प्रमोशन, पी.डब्ल्यु.सी.सी., एवं समसामयीक नवीन तकनीकों से संबंधित अल्प अवधि कोर्स एवं कम्प्युटर कोर्स संचालित किये जाते हैं।
रेडियो तकनिक के चरणबद्ध विकास का इतिहास
- वर्ष 1890 में गुग्लिल्मो मारकोनी ने रेडियो का अविष्कार किया था।
- वर्ष 1893 में Nikolai Tesla द्वारा वायरलेस रेडियो का सेंट लुईस शहर में प्रदर्शन किया गया।
- वर्ष 1894 में सर जे. सी. बोस द्वारा रेडियो माईक्रोवेव ऑपटिक्स 60 गीगाहर्टज की फ्रिकवेंसी आधारित वायरलेस तकनीक का आविष्कार कर कलकत्ता में प्रर्दशन किया गया।
- वर्ष 1896 में इतालियन अविष्कारक गुग्लिल्मों मारकोनी (Guglielmo Marconi) द्वारा रेडियो उपकरण का अविष्कार कर सर्वप्रथम पेटेंट कराया। जिसको मारकोनी सिस्टम कहा जाता था। एवम जिससे पहली बार लगभग 2.4 किलोमीटर की दूरी तक ब्रिटेन में रेडियो सिग्नल प्रसारित किये गये।
- वर्ष 1897 में गुग्लिल्मो मारकोनी (Guglielmo Marconi) द्वारा वायरलेस टेलीग्राफ एण्ड सिग्नल कम्पनी स्थापित की गई।
- वर्ष 1901 में सर्व प्रथम मारकोनी द्वारा दो पृथक-पृथक महाद्वीपों में स्थित देश आयरलेण्ड ओर कनाडा के बीच सिग्नल भेजे गये।
- वर्ष 1902 में अमेचर (हेम) रेडियो की स्थापना अमेेरिका में की गई।
- वर्ष 1906 में कनाडा के वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेसेंडन (Reginald Fessenden) द्वारा साउण्ड एवं संगीत के प्रोग्राम का प्रसारण किया गया।
- वर्ष 1910 में हवाई जहाज से सर्वप्रथम रेडियो का प्रसारण किया गया।
- वर्ष 1918 में एड्विन हॉवर्ड आर्मस्ट्रांग (Edwin H Armstrong) द्वारा सुपरहेटरोडाइन रिसीवर सिस्टम का अविष्कार कर पेटेंट कराया गया।
- वर्ष 1921 में डेटोराईट सिटी, मिशिगन अमेरीका के पुलिस कमिश्नर द्वारा जन सुरक्षा हेतु पुलिस वाहनों मे पहली बार रेडियो सिस्टम को स्थापित कराया गया ।
- वर्ष1921 में भारत में हेम रेडियो प्रारंभ हुआ जिसके प्रथम आपरेटर स्व. श्री अमरेन्द्र चन्द्र गुप्तु थे ।
- वर्ष 1924 में मद्रास प्रेसीडेंसी क्लब द्वारा पहली बार रेडियो को भारत लाया गया।
- वर्ष 1924 में Bell Laboratory द्वारा वॉइस आधारित टू वे रेडियो टेलीफोनिक सेवा प्रारंम्भ की गई।
- वर्ष 1927 में वायुतरंगो के नियंत्रण हेतु फेडरल रेडियो कमीशन (FRC) की स्थापना की गई।
- वर्ष 1945-46 में प्रदेश में वायरलेस शाखा प्रारंभ हुई तत् समय जो वायरलेस स्टेशन खोले गये उसमें जिला पुलिस बल के अंग्रेजी भाषा के ज्ञान वाले आरक्षक / प्रधान आरक्षक प्रशिक्षित कर वायरलेस आपरेटर का कार्य दिया गया ।
- दिनांक 19.02.1946 को बेतार निदेशालय (DCPW) की स्थापना नई दिल्ली में हुई।
- दिनांक 13 फरवरी 1946 को वर्ल्ड रेडियो डे की शुरुआत की गई थी। 13 फरवरी को वर्ल्ड रेडियो दिवस मनाया जाता है।
- वर्ष 1949 में बेतार निदेशालय नई दिल्ली द्वारा पहली बार अर्न्तराज्यीय संचार हेतु कन्ट्रोल रूम बनाया गया।
- वर्ष 1956 में नव गठित मध्य प्रदेश राज्य के पुलिस बल को संचार सुविधा प्रदान करने के लिए भारतीय सेना के अनुउपयोगी रेडियो सेटों के साथ कुल 58 रेडियो स्टेशनों की स्थापना की गई जिनसे टेलीग्राफी/मोर्सकोड संचार व्यावस्था की जाती थी, जो कि आर्मी के डिस्पोजल सेट थे।
- वर्ष 1972 में भारत सरकार ने पुलिस अधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश के थाना स्तर पर नए रेडियो स्टेशन खोलने की अनुमति दी गई एवं डकेती विरोधी अभियान के लिए कुछ नए रेडियो उपकरण प्रदान किये, इसी बर्ष व्ही.एच.एफ. रेडियो सेट मध्य प्रदेश राज्य को प्राप्त हुए।
- वर्ष 1972 में पश्चिम बंगाल के सभी पुलिस स्टेशनों को व्ही.एच.एफ. संचार व्यवस्था से जोड़ा गया।
- वर्ष 1980 में मध्य प्रदेश के सभी पुलिस स्टेशनों में व्ही.एच.एफ. संचार स्थापित किया गया।
- वर्ष 1990 के दशक में ई टी पी और एक्सचेंज का उपयोग म.प्र. पुलिस मे किया गया।
- वर्ष 2004 मे प्रदेश के बडे शहरों इंदौर, भोपाल, उज्जैन और जबलपुर में एफको (पी-16) रेडियो ट्रंकिग टेलिकम्यूनिकेशन सिस्टम स्थापित किया गया।
- वर्ष 2006 मे 38 पोलनेट स्टेशनों की स्थापना की गई।
- वर्ष 2019 डिजिटल मोबाईल रेडियो सिस्टम की स्थापना की गई सिस्टम स्थापना का प्रारंभ जिला सिहोर से की गई ।